Iranian revolution | Iran vs America
Iranian Revolution
1979 में हुए Iranian Revolution के बारे में जानते हैं अगर जानते होंगे तो ईरान के 1979 के बाद आए बदलाव के बारे में भी जरूर जानते होंगे अगर नहीं तो यह लेख पढ़ते रहिए अंत तक आपको जरूर कुछ जानकारी मिलने वाली है|.
1.Iranian Revolution
ईरान में 1979 क्रांति हुई थी हालांकि इस क्रांति के बारे में पूरी तरह से राजनीतिज्ञ सहमत नहीं है कि ईरान में, सिर्फ शाह के विरोध में क्रांति हुई या इसके पीछे कई कारण थे हालांकि यह बहुत कारणों से हुई थी जैसे बेरोजगारी, आर्थिक असमानता, महंगाई और सबसे बड़ा यह है कि ईरान के प्रेसिडेंट जिसको शाह कहते थे उनका अमेरिका के गुलाम रूप में जनता के सामने चरित्र बन चुका था और लोगों को लगता था कि अमेरिका उस देश की राजनीति में दखल दे रहा है | क्रांति की शुरुआत धीरे-धीरे बहुत बड़ी हो गई | क्रांति के बाद में क्या बदलाव हुए आइए हम देखते हैं इसके बाद सभी व्यवस्थाएं बदल गई
ईरान में 1979 के क्रांति के बाद ईरान ने अपना स्पेशल फोर्स तैयार किया जो ईरान की सलाम देश की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बाध्य है यह फोर्स ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के नाम से जाना जाता है2:- ईरान में एक ऐसी व्यवस्था बनाई गई जिसमें एक सबसे ऊपर होगा उसे सुप्रीम लीडर कहेंगे फिर एक प्रेसिडेंट होगा और तीसरा पार्लिआमेंट जिसमें नियम कानून बनाए जाएंगे इस तरह से सुप्रीम लीडर के पास ज्यादा पावर होता है | यह सुप्रीम लीडर प्रेसिडेंट से भी ज्यादा ताकतवर होता है| सुप्रीम लीडर कोई भी कानून को खत्म कर सकता है साथ ही उनके पास सबसे अधिक पावर होता है इस तरह ईरान में सुप्रीम लीडर, प्रेसिडेंट और पार्लिमेंट की व्यवस्था होती है
3:- Islamic state
Iranian Revolution केे दौरान 1979 में इस्लामिक देश घोषित कर दिया जो कि शिया मुस्लिम देश है यह दुनिया का शिया बहुल देश है
4:- इस्लामीक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स :-
यह एक तरह की आर्मी होती है जो की आर्मी की ही मदद करता है| लेकिन यह थोड़ा सा आर्मी से अलग होता है इसका इस्लाम व्यवस्था को कोई दूसरी शक्ति से बचा कर रखने और इस देश की सुरक्षा बनाए रखना है यह सीधे सुप्रीम लीडर के प्रति जिम्मेवार होते हैं
5:- शरिया कानून
ईरान ने शरिया कानून कानून को अपनाया6:- ईरान vs इराक में युद्ध
ईरान और इराक के बीच युद्ध युद्ध इसलिए हुआ क्योंकि ईरान के नेता अयातुल्लाह रूहानी खोमेनी ने कहा था कि आसपास के देश जहां तानाशाही शासन हो रहा है वहां क्रांति आए और तानाशाही हटे इसलिए इराक ने ईरान पर हमला कर दिया यह युद्ध 1980 से 1988 तक चला यहां समझने की यह बात है कि इराक एक शिया बहुल देश है लेकिन मिलिट्री शासन सुन्नी सद्दाम हुसैन के के हाथ में था फिर भी इन दोनों देशों को कुछ नहीं मिला और यह युद्ध व्यर्थ साबित हुआ |
7:-Iran vs America
इसी समय से Iran vs America में दुश्मनी बढने लगीजनता में एक गुस्सा था कि शाह जो बीमारी का इलाज करवाने अमेरिका गया हुआ था और इसमें लोगों को गुस्सा था कि उन्होंने देश की व्यवस्था को खराब करके देश छोड़कर चले गए थे लोग चाहते थे कि अमेरिका उसे वापस ईरान भेजे इसलिए 4 नवंबर 1999 को लोगों ने उपस्थित लोगों को बंदी बना लिया था ये सारे लोग 444 दिन के लिए बंदी रहे इस दौरान मोहम्मद रजा शाह पहलवी की मौत हो गई
8 :- American Senction
(अमरीकी प्रतिबंध)जब ईरान में उपस्थित अमेरिकी एंबेसी पर हमला किया गया तब अमेरिका ने ईरान पर senction लगा दिए लेकिन दोनों देशों के बीच मध्यस्था करने के लिए Algeria जो मिडल ईस्ट देश है वो सामने आया यह मध्यस्थता Algeria Accord के अंतर्गत बंदी बनाए गए 52 अमेरिकी लोगों को 444 दिन के हिरासत के बाद छोड़ दिया गया
9 :- Atom Bomb Activity
ईरान ने अपना परमाणु बम बनाने के लिए तैयार हो गया और प्रतिबंध झेलते हुए ईरान ने अपना एटम बम बनाने का कार्यक्रम चलाता रहा
10 :-Now Iran
2015 में पहली बार कोई अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ईरान के साथ विवाद को सुलझाने के लिए ईरान गए और 2015 में बराक ओबामा के कार्यकाल में ईरान पर लगे सारे प्रतिबंध हटा दिए गए और ईरान के साथ परमाणु संधि करार किया और अब ईरान के साथ कोई भी प्रभाव व्यापार कर सकता था लेकिन 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस परमाणु संधि को तोड़ दिया और ईरान पर वापस वह सारे प्रतिबंध लगा दिए गए जो उस पर पहले से लगे हुए थे
इस तरह से ईरान और अमेरिका की दुश्मनी आगे बढ़ती गई
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